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कभी बाजु पर काली पट्टी ,तो कभी जूतों पर बच्चो का नाम ! इस खिलाडी ने करा ICC की नाक में दम

ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच मेलबर्न में खेली जा रही टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में, ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज यूस्मान ख्वाजा ने एक बार फिर चर्चा में आने वाला कदम उठाया है। पहले टेस्ट के दौरान उन्होंने गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में काली पट्टी पहनी थी, और इस बार उन्होंने जूतों पर अपने बच्चों का नाम लिखकर मैदान में उतरने का किया एक अजीबोगरीब फैसला।

दूसरे टेस्ट मैच के दिन, पाकिस्तान के कप्तान शान मसूद ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया की टीम की तरफ से उस्मान ख्वाजा और डेविड वॉर्नर ने पारी का आगाज किया।

इस मैच में ओपनर उस्मान ख्वाजा ने फिर से अपने जूतों की वजह से सुर्खियां बटोर लीं। उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दूसरे टेस्ट में उस्मान ख्वाजा जूतों पर अपने बच्चों का नाम लिखकर पहुंचे हैं। हालांकि, इस बार भी उस्मान ने आईसीसी से इसकी परमिशन नहीं ली।

आईसीसी का नाराज इनमें आईसीसी की परमिशन बिना लिखकर किसी भी चीज को मैदान पर नहीं लाने की मंशा है, लेकिन उस्मान ख्वाजा ने इस नियम को तोड़ते हुए अपने जूतों पर अपने बच्चों का नाम लिख दिया। इस आंतरराष्ट्रीय बल्लेबाज ने अपने बच्चों के प्रति अपना प्यार और आदर जताते हुए यह कदम उठाया है।

बॉक्सिंग-डे टेस्ट के दौरान अपने बैट और जूतों पर इजराइल-हमास जंग से जुड़े मैसेज लगाने की अनुमति मांगी थी, जिसे आईसीसी ने खारिज कर दिया था। इसके बावजूद उस्मान जूतों पर अपने बच्चों का नाम लिखकर मैदान पर उतरे, जिसको लेकर आईसीसी एक्शन ले सकता है।

मैच का स्थिति:

ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच मेलबर्न में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 42.4 ओवर तक 2 विकेट के नुकसान पर 114 रन बना लिए हैं। मैच में बारिश की वजह से कुछ समय का विराम हुआ है, लेकिन डेविड वॉर्नर और उस्मान ख्वाजा की ब्रिलियंट पारी ने टीम को स्थिरता दिखाई है। उस्मान ख्वाजा ने 101 गेंदों का सामना करते हुए अब तक 66 रन बनाए हैं।

नामकरण की अजीबोगरीब कहानी:

उस्मान ख्वाजा ने अपने जूतों पर बच्चों का नाम लिखने की कहानी को वायरल होने पर कहा, “मैंने अपने बच्चों को मैदान पर मेरे साथ होने का एहसास कराने का तरीका ढूंढ़ा है। आईसीसी की परमिशन नहीं मिली, लेकिन मैंने यह करके दिखाया है कि हमारे बच्चों के प्रति हमारा प्यार हमारी प्राथमिकता है।”

आईसीसी का पक्ष:

आईसीसी की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह देखना बचा है कि क्या वह इस मामले पर कोई कदम उठाएगा या नहीं।