भारत और अफगानिस्तान के बीच 11 जनवरी से शुरू होने वाले T20 मैचों की सीरीज से पहले एक बड़ा अधिकार निकाला गया है – भारतीय टीम बिना अपने पंजब बल्लेबाजों के, जैसे कि अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव, खेलेगी। इससे पहले की हालत को देखते हुए, क्या यह BCCI का एक नया प्रयोग है, जो टीम को मजबूती प्रदान कर सकता है या फिर यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर सकता है?
सीनियर बैटर्स को मिला मौका, गेंदबाजों को बाहर रखा गया
यह सीरीज महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहला मौका है जब अफगानिस्तान टीम भारत के साथ टी20 सीरीज खेलेगी। बीसीसीआई ने टीम में रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर बैटर्स को बुला लिया है, जो कुशल बैटिंग के साथ-साथ अपने अनुभव से टीम को नेतृत्व करेंगे। विराट कोहली के 4000 से ज्यादा टी20आई रन और रोहित शर्मा के 3800 से अधिक रन कई रिकॉर्ड बना चुके हैं।
टॉप-5 बॉलर्स का अभाव: चुनौती या रणनीति?
इस सीरीज में टॉप-5 बॉलर्स, जैसे कि जसप्रीत बुमराह, युजवेंद्र चहल, और भुवेश्वर कुमार का अभाव है। इन गेंदबाजों के बिना खेलना टीम के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है, लेकिन यह भी बीसीसीआई की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिससे नए गेंदबाजों को मौका मिल सकता है। टॉप-5 बॉलरों में से कई को अंग्रेजी टेस्ट सीरीज के लिए रेस्ट दिया गया है, जिससे उन्हें बाहर रखा गया है।
युवा गेंदबाजों का मौका: भारतीय गेंदबाजों की शानदार संभावनाएं
इस अभाव में, भारतीय गेंदबाजी के खेल में उभरते हुए नए चेहरे, जैसे कि अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव, आगे बढ़ सकते हैं। अर्शदीप ने टी20 इंटरनेशनल में 59 और कुलदीप ने 58 विकेट लिए हैं, जिससे वे भारतीय टीम के सबसे कामयाब गेंदबाजों में शामिल हो सकते हैं।