दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह ने अपने 42वें जन्मदिन पर एक बड़ा खुलासा किया है कि उन्हें टीम इंडिया के कप्तान बनाने का सपना कभी पूरा नहीं हुआ। महेंद्र सिंग धोनी ने उनकी जगह ली थी, और युवराज ने इस राज को खोला है।
धोनी और तेंदुलकर की वजह से मिली कप्तानी नहीं
युवराज सिंह, जो 2007 टी20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे, ने स्पोर्ट्स 18 चैनल के इंटरव्यू में बताया कि उन्हें कप्तानी क्यों नहीं मिली। उन्होंने कहा, “ग्रेग चैपल और सचिन तेंदुलकर की वजह से मुझे टीम इंडिया की कप्तानी नहीं मिली।”
उन्होंने इस बयान में कहा कि जब धोनी को कप्तानी दी गई, तब उन्हें भी इसका एहसास हुआ कि वह साथियों के साथ खड़ा रहना सही होगा। उनकी तैयारी के बावजूद, बोर्ड के कई अधिकारियों ने उन्हें धोनी के खिलाफ ठहराया। युवराज ने इसके बावजूद अपने फैसले पर पछतावा नहीं किया और कहा, “मुझे अपने साथियों संग खड़ा रहने की सजा मिली। मेरा यह स्टैंड साफ था और मैं खड़ा रहूंगा।”
तेंदुलकर के साथ खास कनेक्शन
युवराज सिंह ने बताया कि उन्हें कप्तानी न मिलने का दुःख है, लेकिन उनका सपना हमेशा रहेगा। सचिन तेंदुलकर से उनका खास कनेक्शन रहा है और उन्होंने कहा, “मैं सचिन तेंदुलकर को बहुत चाहता हूँ। उनके साथ बड़ा समय बिताने का सौभाग्य मिला है और वह मेरे लिए हमेशा एक बड़े भाई की भावना से मिलते हैं।”
खुलासे का हो सकता है दूसरा पहलु
यह खुलासा युवराज सिंह के करियर के एक नए पहलुओं को खोल सकता है और क्रिकेट जगत को उनके सोचने का मौका देगा। कई फैंस इस बयान से सहमत हैं और सोशल मीडिया पर इस पर अपनी राय साझा कर रहे हैं।
वराज सिंह की इस खुलासे भरी कहानी ने क्रिकेट दुनिया को एक नए दृष्टिकोण से देखने का मौका दिया है। उनके इस इंटरव्यू से साफ हो गया है कि कभी-कभी खिलाड़ी के पीछे छुपे हुए किसी बड़े कहानी का अंजाम होता है जिसे हमें जानने का हौसला रखना चाहिए।